तारा विना श्याम|Best Gujarati garba Song lyrics sung by Sanam puri | Lyrics in hindi
बहुत ही सुंदर शब्दों में यह गुजराती लोक गीत को सनम पूरी द्वारा गाया गया है । जिसमे भगवान श्रीकृष्ण के द्वारा गरबा रास के मोहक लीला को बताया गया है । कवि ने इसमे श्याम के ना होने पर गरबा में जो अकेले पन की अनुभूति होती है उसका वियोग बताया गया है ।
Song: Tara Vina shyam
Singer: Sanam Puri
Lyrics: Traditional geet
Category: Gujarati folk geet Garba
तारा विना श्याम एकलडु लागे...
शरद पूनाम नी रातडी.. ओहो
चांदनी खिली छे भली भांत नी..
तू न आवे तो श्याम, रास जामे न श्याम
रास रमवा ने वहलो आव आव आव श्याम
रास रमवा ने वहलो आवजे....
गरबे घूमती गोपियो.. ओहो
सूनी छे गोकुल नी शेरीयो..
सूनी सूनी शेरियो मां, गोकुल नी गलियों मां
रास रमवा ने वहलो आव आव आव श्याम
रास रमवा ने वहलो आवजे....
अंग अंग रंग से अनंग नो.. ओहो
रंग केम जाए तारा संग नो..
पायल झंकार सुनी, रोदिया नो नाद सुनी
रास रमवा ने वहलो आव आव आव श्याम
रास रमवा ने वहलो आवजे....
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